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H-1B वीज़ा बैन के फैसले पर ट्रंप के खिलाफ कोर्ट पहुंचे 174 भारतीय, ‘परिवारों को अलग’ करने का लगाया आरोप

भारतीय पेशेवरों को बड़ा झटका - अब US फेडरल एजेंसियों में नहीं मिलेगी H-1B Visa पर नौकरी

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की सरकार की ओर से पिछले महीने एच-1बी वीजा (H-1B Visa Ban) पर आए एक शासकीय आदेश के खिलाफ सात नाबालिगों समेत 174 भारतीय नागरिक ट्रंप के खिलाफ कोर्ट पहुंचे हैं.

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की सरकार की ओर से पिछले महीने एच-1बी वीजा (H-1B Visa Ban) पर आए एक शासकीय आदेश के खिलाफ सात नाबालिगों समेत 174 भारतीय नागरिक ट्रंप के खिलाफ कोर्ट पहुंचे हैं. भारतीय नागरिकों के इस समूह ने ट्रंप प्रशासन के खिलाफ एक केस फाइल किया है. बता दें कि ट्रंप प्रशासन के इस आदेश के तहत उनके अमेरिका में आने पर रोक लग सकती है या फिर उन्हें वीजा जारी नहीं किया जाएगा. नए एच-1बी वीज़ा जारी करने पर 31 दिसंबर, 2020 तक रोक लगी हुई है.

डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया में अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जस्टिस केतनजी ब्राउन जैक्सन ने बुधवार को विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और होमलैंड सुरक्षा विभाग के कार्यकारी मंत्री चाड एफ वोल्फ के साथ श्रम मंत्री यूजीन स्कालिया को सम्मन जारी किए. यह मुकदमा मंगलवार को अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट अदालत में दायर किया गया है. मंगलवार को कई सांसदों ने भी स्कालिया से इस वर्क वीज़ा बैन को वापस लेने का आग्रह किया है.

वकील वास्डेन बैनियास ने 174 भारतीय नागरिकों की ओर से दायर मुकदमे में कहा, ‘एच-1बी/एच-4 वीजा पर प्रतिबंध का शासकीय आदेश अमेरिका की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाता है, परिवारों को अलग करता है और कांग्रेस को खारिज करता है.’

इस मुकदमे में एच-1बी या एच-4 वीजा जारी करने पर पाबंदी लगाने या नए एच-1बी वीजा धारकों को देश में प्रवेश करने से रोकने वाले शासकीय आदेश को गैरकानूनी घोषित करने की मांग की गई है. साथ ही अदालत से अनुरोध किया गया है कि वह विदेश विभाग को एच-1बी और एच-4 वीजा के लिए लंबित अनुरोधों पर फैसले देने के लिए निर्देश जारी करे. बता दें कि ट्रंप ने 22 जून को शासकीय आदेश जारी कर इस साल के अंत तक एच-1बी कार्य वीजा जारी करने पर अस्थायी रोक लगा दी.

ट्रंप की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया है, ‘हमारे इमिग्रेशन सिस्टम में हमें अमेरिकी लेबर मार्केट में विदेशी कामगारों के चलते पड़ने वाले प्रभाव का आकलन करना होगा. खासकर, ऐसे वक्त में जब देश में घरेलू बेरोजगारी बढ़ती जा रही है और कामगारों की मांग घट गई है.’

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